Tadap Tadap

बे-जान दिल को...
बे-जान दिल को...
बे-जान दिल को तेरे इश्क़ ने ज़िंदा किया
फिर तेरे इश्क़ ने ही इस दिल को तबाह किया

तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सज़ा दी प्यार की, ऐसा क्या गुनाह किया?
तो लूट गए, हाँ, लूट गए, तो लूट गए हम तेरी मोहब्बत में

तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सज़ा दी प्यार की, ऐसा क्या गुनाह किया?
तो लूट गए, हाँ, लूट गए, तो लूट गए हम तेरी मोहब्बत में

तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सज़ा दी प्यार की, ऐसा क्या गुनाह किया?
तो लूट गए, हाँ, लूट गए, तो लूट गए हम तेरी मोहब्बत में

अजब है इश्क़, यारा, पल-दो-पल की ख़ुशियाँ
ग़म के ख़ज़ाने मिलते हैं, फिर मिलती हैं तन्हाइयाँ
कभी आँसू, कभी आहें, कभी शिकवे, कभी नालें
तेरा चेहरा नज़र आए

तेरा चेहरा नज़र आए मुझे दिन के उजालों में
तेरी यादें तड़पाए
तेरी यादें तड़पाए रातों के अँधेरों में
तेरा चेहरा नज़र आए

मचल-मचल के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सज़ा दी प्यार की, ऐसा क्या गुनाह किया?
तो लूट गए, हाँ, लूट गए, तो लूट गए हम तेरी मोहब्बत में

अगर मिले ख़ुदा तो पूछूँगा, ख़ुदाया
जिस्म मुझे देके मिट्टी का, शीशे सा दिल क्यूँ बनाया?
और उस पे दिया फ़ितरत कि वो करता है मोहब्बत
वाह रे, वाह, तेरी क़ुदरत!

वाह रे, वाह, तेरी क़ुदरत! उस पे दे दिया क़िस्मत
कभी है मिलन, कभी फ़ुर्क़त
कभी है मिलन, कभी फ़ुर्क़त, है यही क्या वो मोहब्बत
वाह रे, वाह, तेरी क़ुदरत!

सिसक-सिसक के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सज़ा दी प्यार की, ऐसा क्या गुनाह किया?
तो लूट गए, हाँ, लूट गए, तो लूट गए हम तेरी मोहब्बत में

तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सज़ा दी प्यार की, ऐसा क्या गुनाह किया?
तो लूट गए, हाँ, लूट गए, तो लूट गए हम तेरी मोहब्बत में



Credits
Writer(s): Mehboob, Ismail Darbar
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