Babul Ka Ghar (Sad)

भैया तेरे अंगना की मैं हूँ ऐसी चिड़िया रे
रात-भर बसेरा है, सुबह उड़ जाना है
सुबह उड़ जाना है

यादें तेरे बचपन की हम सब को रुलाएँगी
फिर भी तेरी डोली को काँधा तो लगाना है
काँधा तो लगाना है



Credits
Writer(s): Kalyanji Virji Shah, Anandji V. Shah, Anjaan Lekhak
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