Baroodi Hawa

बड़ी संगदिल ये राहें
अभी से तू संभल जा
ख़ुदा का वास्ता है
ठहर जा, तू ठहर जा

बड़ी संगदिल ये राहें
अभी से तू संभल जा
ख़ुदा का वास्ता है
ठहर जा, तू ठहर जा

घुली है क्यों साँसों में ये बारूदी हवा?
होश में आ, जल रहा अब घर भी तेरा

क्या होने लगा?
क्यों होने लगा एक पल?

नज़र में छाए
लहू के साए, मौला
मुझको बचा ले
कहीं तो छुपा ले, मौला

बड़ी संगदिल ये राहें
अभी से तू संभल जा
ख़ुदा का वास्ता है
ठहर जा, तू ठहर जा

क्यों धुआँ-धुआँ?
क्यों धुआँ-धुआँ हर सुबह?

अरे रुक जारे
वहीं थम जा रे, इंसां
कुछ ना बचेगा
खुद भी जलेगा, नादान

बड़ी संगदिल ये राहें (राहें)
अभी से तू संभल जा (संभल जा)
ख़ुदा का वास्ता है (वास्ता)
ठहर जा, तू ठहर जा

घुली है क्यों साँसों में ये बारूदी हवा?
होश में आ, जल रहा अब घर भी तेरा



Credits
Writer(s): Lalit Pandit, Alok Ranjan Jha
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