Kyun Dil Mera

ख़्वाहिशों की होने लगी
कैसी मुझ पे ये बरसातें?
क्यूँ ना समझे, ना माने
ज़िद पे अड़ा कैसी जाने

दिल की सिफ़ारिशों में तेरा ही तो ज़िक्र है
तुझी पे तो आ के है थमा

क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा?
कि जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा
क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा?
ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा

बेतुकी करे क्यूँ फ़रमाइशें?
ये दिल की मर्ज़ी है या तेरी, ख़ुदा, तू ही जाने
क्यूँ मेरी तू बदले आदतें?
है कुछ भी ना अब रहा मेरा, हूँ मैं तेरे वास्ते

दबी मेरी चाहतों में तेरा ही तो इत्र है
तुझी को तो माँगे है सदा

क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा?
कि जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा
क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा?
ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा

दिल की हैं ये कैसी अर्ज़ियाँ
कि संग हूँ तेरे जहाँ तू जाए?
बिन कहे कैसे समझाएँ?
ये दिल की मेरी जो बात है
कि दिल ना जाने

मेरी हर इबादतों में तेरी ही तो फ़िक्र है
तुझी से मुक़म्मल हो रहा

क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा?
कि जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा
क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा?
ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा



Credits
Writer(s): Ajay Singha, Mohit Prakash Pathak
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