Brush

सुबह-सुबह brush करना अच्छा ना लगता है
मुझ को तो थोड़ा-थोड़ा आलस आता है
पर ना जो करूँगा brush तो दाँत खराब हो जाएँगे
३२ के ३२ टूट के इक दिन गिर जाएँगे

खाने को नहीं मिलेगी chocolate, ना मिलेगा pizza
रोज़-रोज़ खाना पड़ेगा मुझ को खिचड़ी, दलिया
इस से अच्छा कर लेता हूँ मैं दाँतों की सफाई
मज़बूत रहेंगे जबतक ये, तो कुछ भी खाओ भाई



Credits
Writer(s): Vipin Heero
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link