Awargi

आवारगी से दिल भर गया
तेरी गली में रहने लगा
जैसे कभी भी की ना किसी की
तेरी फ़िक्र में रहने लगा

तेरे आँसू पीऊँ मैं
कभी तुझको हसाऊँ
तुझे दूर से देखूँ
कभी दिल में बसाऊँ

तेरी ख़ातिर जीऊँ मैं
कभी तुझपे लुटाऊँ
ये जान मेरी जां है तू
बस तू

आवारगी से दिल भर गया
तेरी गली में रहने लगा

तेरे आँसू पीऊँ मैं
कभी तुझको हसाऊँ
तुझे दूर से देखूँ
कभी दिल में बसाऊँ

तेरी ख़ातिर जीऊँ मैं
कभी तुझपे लुटाऊँ
ये जान मेरी जां है तू
बस तू

ना तू ख़ुद का था कभी
ना ख़ुदा का मैं
तू मिला तो हो गया
ख़ुद-ब-ख़ुद तेरा मैं

होने लगा है ख़ुद पे अब मुझको यकीं
इमां बदलके मेरा, तू बदलना नहीं

तेरे ख़ुदा से माँगूँ मैं क्या?
मुझको दुआएँ आती नहीं
तुझसे मोहब्बत कैसे करूँ मैं?
मुझको वफ़ाएँ आती नहीं

तुझे देखके लेकिन
ये दिल डगमगाए
मुझे आज़ान देकर
तू मुझको जगाए

मुझे मेरी नज़र में
तू मुझको उठाए
मेरा इमां, मेरी जां है तू
बस तू

है तू
है तू



Credits
Writer(s): Sangeet Haldipur, Kausar Munir
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