Chal Kahin Door

खामोशी के चेहरे थे या
लगता है के धुप खिली
कितने दिन के बाद मैं हँस के
अपने आप से आज मिली

चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले

रंजिश और रुसवाईयों से
बेवजह बेचैनियों से
रंजिश और रुसवाईयों से
बेवजह बेचैनियों से

उलझे रास्तों से
दर्द के सब बंधनों से
खुश नहीं है दिल तू जिनसे
अपनी ही उन उलझनों से

चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले

चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले

हो, खोलेंगे-खोलेंगे बाँहों का घेरा
खोलेंगे-खोलेंगे बाँहों का घेरा
जो चाहे कर ले अँधेरा
सूरज जैसा खिलता चेहरा

वादा किया, वादा किया, खुद से ही वादा किया
टूटूँगी ना कभी पक्की है ये बात भी
ग़म से है मुझको कर ना किनारा
ऐसा होना है ऐ दिल, ऐसा होना है ऐ दिल

मैं ही रास्ता, मैं ही मंज़िल
मैं ही महफ़िल, मैं ही रौनक
खुदको करना है हासिल
मेरे वो है जो मेरे क़ाबिल
खाली लोगों से, लमहों से आ ऐ दिल

हो फ़ासले, हो फ़ासले
हो फ़ासले, हो फ़ासले

चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले

चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले
चल कहीं दूर चले



Credits
Writer(s): A. R. Rahman, Irshad Kamil
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