Tumhe Apna Banane Ka-Chand Chhupa (From "T-Series Mixtape Season 2")

जिस्म के समुंदर में
इक लहर जो ठहरी है
उसमे थोड़ी हरक़त होने दो, होने दो
शायरी सुनाती इन दो नशीली आँखों को
मुझको पास आके पढ़ने दो

दूर से ही तुम जी भर के देखो
तुम ही कहो कैसे दूर से देखूँ

अब संभलना नही है
जो भी है वो सही है
आओ ना

चाँद छुपा बादल में
शर्मा के मेरी जाना
सीने से लग जा तू
बलखा के मेरी जाना

गुमसुम सा है, गुपचुप सा है
मदहोश है, खामोश है
ये समा हाँ ये समा कुछ और है

रोकना नही मुझको
ज़िद पे आ गयी हूँ मैं
इस क़दर दीवानापन चढ़ा
देखो ना यहाँ आके
मेरा हाल कैसा है
टूट के अभी तक ना जुड़ा

प्यार तो नाम है सब्र का हमदम
वो ही भला बोलो कैसे सहे हम
सावन की राह जैसे देखे मोर है

तुम्हे अपना बनाने की कसम
खाई है, खाई है
मुझे नज़रों में रख लो तुम कहीं
कहना ये तुमसे है

चाँद छुपा बदल में
शर्मा के मेरी जाना
सीने से लग जा तू
बलखा के मेरी जाना



Credits
Writer(s): Ismail Darbar, Sameer, Abhijit Vaghani, Mehboob
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