First Class (Kalank)

मेरे होंठों से धुआँधार निकलती है जो बोली
जैसे, जैसे बंदूक़ की गोली
मेरे तेवर में है तहज़ीब की रंगीन रंगोली
जैसे, जैसे हो ईद में होली

मेरे होंठों से धुआँधार निकलती है जो बोली
जैसे, जैसे बंदूक़ की गोली
मेरे तेवर में है तहज़ीब की रंगीन रंगोली
जैसे, जैसे हो ईद में होली

मेरी जीवन की दशा, थोड़ा रस्तों का नशा
थोड़ी मंज़िल की प्यास है

बाक़ी सब first class है
बाक़ी सब first class है
बाक़ी सब first class है, हाँ, क़सम से
बाक़ी सब first class है

पल में तोला, पल में मासा, जैसी बाज़ी वैसा पासा
अपनी थोड़ी हटके दुनियादारी है
करना क्या है चाँदी-सोना? जितना पाना, उतना खोना
हम तो दिल के धंधे के व्यापारी हैं

मेरी मुस्कान लिए कभी आती है सुबह
कभी शामें उदास हैं

बाक़ी सब first class है
बाक़ी सब first class है
बाक़ी सब first class है, हाँ, क़सम से
बाक़ी सब first class है

ओ, सबके होंठों पे चर्चा तेरा, बँटता गलियों में पर्चा तेरा
यूँ तो आशिक़ हैं लाखों, मगर सबसे ऊँचा है दर्जा तेरा
जेब में हो अठन्नी भले, चलता नोटों में खर्चा तेरा
यूँ तो आशिक़ हैं लाखों, मगर सबसे ऊँचा है दर्जा तेरा
सबसे ऊँचा है दर्जा तेरा

मेरी तारीफ़ से छुपती फिरें बदनामियाँ मेरी
जैसे, जैसे हो आँख-मिचौली
मेरे तेवर में है तहज़ीब की रंगीन रंगोली
जैसे, जैसे हो ईद में होली

मेरी जीवन की दशा, थोड़ा रस्तों का नशा
थोड़ी मंज़िल की प्यास है

बाक़ी सब first class है
बाक़ी सब first class है
बाक़ी सब first class है, हाँ, क़सम से
बाक़ी सब first class है, हाँ



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Pritaam Chakraborty
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