Aao Bachcho Tumhe Dikhaye

आओ बच्चों, तुम्हें दिखाएँ झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

आओ बच्चों, तुम्हें दिखाएँ झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो, गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में, हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है

देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की, अभिमान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

ये है अपना राजपुताना, नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी, तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ -, अंगारों पे

बोल रही है कण-कण से क़ुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

देखो मुल्क मराठों का ये, यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताक़त को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग जली थी, हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था

शेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

जलियाँवाला बाग़ ये देखो, यहीं चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन-दन, एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरने वाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ

यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाज़ी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

ये देखो बंगाल, यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरने वाला है
ढाला है इसको बिजली ने, भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बँधा है और प्राण में ज्वाला है

जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से तिलक करो, ये धरती है बलिदान की
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्...



Credits
Writer(s): Hemant Kumar, Manian Pradeep
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