Jo Khwabon Ke Tukado Mein (From "Jai Chhathi Maa")

जो ख़ाबों के टुकड़ों को उम्मीदों से जोड़ती है
जो ख़ाबों के टुकड़ों को उम्मीदों से जोड़ती है
जो ग़म की डाली से भी खुशियाँ तोड़ती है
जो ग़म की डाली से भी खुशियाँ तोड़ती है

हर पल मुस्कुराकर आँसू को छुपाती है
ममता की खुशबू से घर को महकाती है

प्रेम की मूरत है नारी, त्याग की सूरत है नारी
घर की ज़रूरत है नारी
त्याग की सूरत है नारी, प्रेम की मूरत है नारी

ज़िंदगी की मंज़िल की ये राहें होती हैं
प्रेम की डोरी से रिश्तों को पिरोती है
ज़िंदगी की मंज़िल की ये राहें होती हैं
प्रेम की डोरी से रिश्तों को पिरोती है

पतवार बन के संकट के सागर ये पार करती है
रुक जाना सीखा ना कभी, हर हाल में आगे बढ़ती है

खुदा की इनायत है नारी, स्नेह और इबादत है नारी
घर की ज़रूरत है नारी
त्याग की सूरत है नारी, प्रेम की मूरत है नारी

माता, बहन, पत्नी तो कभी ये बेटी के रूप में
छाँव बन के रहती है ये कष्टों की धूप में
माता, बहन, पत्नी तो कभी ये बेटी के रूप में
छाँव बन के रहती है ये कष्टों की धूप में

सारा घर जिसका ऋणी है वही गृहिणी कहलाती है
पतझड़ जीवन को ये तो बहार सी बनाती है

खुदा की इनायत है नारी, स्नेह और इबादत है नारी
घर की ज़रूरत है नारी
त्याग की सूरत है नारी, प्रेम की मूरत है नारी



Credits
Writer(s): Amitabh Ranjan, Nayan Mani Barman
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