Badra Bahaar

हो, बाबुल के अंगना में, अंबुआ के तले
मेहर की दुलारी, नाज़ों से पले
भरी-भरी गुड़िया बचपन की
संदेसा ले जा रे, आ
ओ, बदरा बहार

ओ, अम्मा की चाबी के छल्ले से खोले
तिजोरी में जानूँ सपने है पढ़े
झूठी-झूठी कहानी परियों की
ये जो तू बता, हाँ-हाँ
ओ, बदरा बहार

ओ, सिसके रे जियरा, बहता रे कजरा
भीतर चुभता रहा रे
मैं भूल सखियाँ, बचपन की बतियाँ
घूँ घूँ ये साँस घबराए
पिया को बता दे, आ
ओ, बदरा बहार

ओ, डोली हमरी खाली फूलों में सजे
असवन की सवारी नैनों में जले
खारी-खारी सावन की फुहार
संदेसा ले जा जी, हाँ
ओ, बदरा बहार
ओ, बदरा बहार
ओ, बदरा बहार



Credits
Writer(s): Anvita Dutt, Amit Trivedi
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