Chand Gagan Mein

चाँद गगन में है तन्हा
वो भी तन्हा, मैं भी तन्हा
सारा आलम तन्हा-तन्हा, तन्हा-तन्हा

चाँद गगन में है तन्हा
वो भी तन्हा, मैं भी तन्हा
सारा आलम तन्हा-तन्हा, तन्हा-तन्हा
चाँद गगन में है तन्हा...

तुम मेरे साथ थे, साथ थी रोशनी
तुम मेरे साथ थे, साथ थी रोशनी
ग़म के रिश्तों से अनजान थी ज़िंदगी

पर इक मोड़ पर चल दिए छोड़ कर
वक़्त के साथ तुम भी मुझे तन्हा
सारा आलम तन्हा-तन्हा, तन्हा-तन्हा
चाँद गगन में है तन्हा...

ना हमदम कोई, ना कोई मंज़िल
ना हमदम कोई, ना कोई मंज़िल
मेरी कश्ती का कोई नहीं साहिल

शिकवा करने से क्या होगा अब हासिल?
ज़िंदगी अब कटेगी मेरी तन्हा
सारा आलम तन्हा-तन्हा, तन्हा-तन्हा

चाँद गगन में है तन्हा
वो भी तन्हा, मैं भी तन्हा
सारा आलम तन्हा-तन्हा, तन्हा-तन्हा
चाँद गगन में है तन्हा...



Credits
Writer(s): R.k. Arun
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