Bachpan Kahan?

सपनों का वो आँगन कहाँ?
दर्पण बता, बचपन कहाँ?
सपनों का वो आँगन कहाँ?

दर्पण बता, बचपन कहाँ?

सीधा-सरल था जीवन जहाँ
दर्पण बता, बचपन कहाँ?
सपनों का वो आँगन कहाँ?
दर्पण बता, बचपन कहाँ?

भाई से यारी, बहनों से मस्ती
उड़ती पतंगों जैसा था मन
जितने थे रिश्ते, सारे थे मन के
उनमें ना उलझन, ना थी जलन

होती ना थी अनबन जहाँ
दर्पण बता, बचपन कहाँ?
सीधा-सरल था जीवन जहाँ
दर्पण बता, बचपन कहाँ?
सपनों का वो आँगन कहाँ?
दर्पण बता, बचपन कहाँ?

खाने की चिंता, सोने की फ़िक्रें
होती भी थी तो होती थी कम
खुशियाँ जुड़ी थी खिलौनों से अपनी
ख़बर ही ना थी क्या होता है ग़म

पावन थे सब बंधन जहाँ
दर्पण बता, बचपन कहाँ?
सीधा-सरल था जीवन जहाँ
दर्पण बता, बचपन कहाँ?
सपनों का वो आँगन कहाँ?
दर्पण बता, बचपन कहाँ?

दर्पण बता, बचपन कहाँ?



Credits
Writer(s): Irshad Kamil, Himesh Vipin Reshammiya
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