Behti Hawa Sa Tha Woh

बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया? उसे ढूँढो

बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया? उसे ढूँढो

Hmm, हमको तो राहें थी चलाती
वो ख़ुद अपनी राह बनाता
गिरता-सँभलता, मस्ती में चलता था वो

हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हे को खुल के जीता था वो

कहाँ से आया था वो?
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया? उसे ढूँढो

सुलगती धूप में छाँव के जैसा
रेगिस्तान में गाँव के जैसा
मन के घाव पे मरहम जैसा था वो

हम सहमे से रहते कुएँ में
वो नदिया में गोते लगाता
उल्टी धारा चीर के तैरता था वो

बादल आवारा था वो
यार हमारा था वो
कहाँ गया? उसे ढूँढो

हमको तो राहें थी चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता-सँभलता, मस्ती में चलता था वो

हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हे को खुल के जीता था वो

कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया? उसे ढूँढो



Credits
Writer(s): 0, Shantanu Moitra
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