Umeed

चलो गीत उम्मीद का गुनगुनायें
जहां को ख़ुशी की कोई धुन सुनायें
हो, चलो गीत उम्मीद का गुनगुनायें

जहां को ख़ुशी की कोई धुन सुनायें
आ बाँटें हंसी, आ खुदा कोई मनायें
रब नीचे आए

नयी एक शुरुआत होने दो अपनी
बस इंसानियत ज़ात रहने दो अपनी
मोहब्बत-मोहब्बत जुबां पे हो अपनी
लगे चोट तुमको हो नाम आँख अपनी

भले दिन, भले लम्हें, आयेंगे फिर से
हसीं यादें मिलकर बनाएंगे फिर से
ये दुनिया बड़ी खूबसूरत जगह है
तभी तो ख़ुदा ने हमें ये दिया है

अमन और सुकूं ज़िंदगी का भी हक है
फ़िज़ायों में भिखरायेंगे इनको हम-तुम
ज़मीं आसमां है उसी की निशानी
मिलकर इन्हें फिर से सजाएंगे हम-तुम

समंदर-समंदर खंगालेंगे हम-तुम
पहाड़ों को मिलकर तराशेंगे हम-तुम
(तराशेंगे हम-तुम)
ये तोहफ़ा है कल का चलो देंगे हम-तुम



Credits
Writer(s): Vijay Verma, Mehboob
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