Dil Ke Sukoon

रात कटे ना, दिन गुज़रे ना
बेचैनी है सीने में
भोर अधूरी, साँझ अधूरी
ख़ाक मज़ा है जीने में

दिल के सुकूँ के लिए तेरी नज़र चाहिए
आवारगी को मेरी एक हमसफ़र चाहिए

बेताब दिल की बेताबियों को अब है किसी का इंतज़ार
शायद यही सच है मेरे दिल का, इसे चाहिए थोड़ा प्यार

कोई आ के पास बैठे हाथ मेरा थाम के
मेरे तनहा इस सफ़र को कोई अपना नाम दे
आ जाए इस दिल को क़रार

दीवानेपन को मेरे तेरा असर चाहिए
आवारगी को मेरी एक हमसफ़र चाहिए

अधूरी पड़ी है मेरी करवटें जो
कर दे मुकम्मल उन्हें
तुझ से शुरू हम, तुझ पे ख़तम हैं
किसी और को क्या अब चुनें

प्यार कर ले आज तू भी मुझसे कुछ यूँ टूटकर
यूँ दीवाना मुझको कर दे, मुझको मुझसे लूटकर
ये फ़ासले दे मिटा

तुझ से ही दिन हो शुरू, तू ही रात भर चाहिए
आवारगी को मेरी एक हमसफ़र चाहिए



Credits
Writer(s): Asad Khan, Vijay Vijawatt
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