Mohabbat Ko Duniya

झुक के अदब से एहतराम करती है
एहतराम करती है
दौलत को दुनिया सलाम करती है
दौलत को दुनिया सलाम करती है

झुक के अदब से एहतराम करती है
झुक के अदब से एहतराम करती है
एहतराम करती है
मोहब्बत को दुनिया सलाम करती है
मोहब्बत को दुनिया सलाम करती है

ग़रीबी को देखा है मैंने इतने पास से
नफ़रत सी हो गई है इसके एहसास से
ग़रीबी को देखा है मैंने इतने पास से
नफ़रत सी हो गई है इसके एहसास से
दौलत के पीछे तो सारा जहाँ है
इसके बिना मिलती मोहब्बत कहॉं है

झुक के अदब से एहतराम करती है
एहतराम करती है
ताक़त को दुनिया सलाम करती है
हाँ, ताक़त को दुनिया सलाम करती है

झुक के अदब से एहतराम करती है
झुक के अदब से एहतराम करती है
एहतराम करती है
मोहब्बत को दुनिया सलाम करती है
मोहब्बत को दुनिया सलाम करती है

कोई भी ताक़त ना इतनी बड़ी है
मोहब्बत के दम से ही दुनिया खड़ी है
कोई भी ताक़त ना इतनी बड़ी है
मोहब्बत के दम से ही दुनिया खड़ी है
जिसको किसी की मोहब्बत मिली है
उसको ज़माने की दौलत मिली है

झुक के अदब से एहतराम करती है
एहतराम करती है
इज़्ज़त को दुनिया सलाम करती है
इज़्ज़त को दुनिया सलाम करती है

झुक के अदब से एहतराम करती है
झुक के अदब से एहतराम करती है
एहतराम करती है

दौलत को दुनिया सलाम करती है
इज़्ज़त को दुनिया सलाम करती है
हाँ, ताक़त को दुनिया सलाम करती है
मोहब्बत को दुनिया सलाम करती है



Credits
Writer(s): Sameer, Bhushan Dua
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