Teri Mitti By Lakshay

ऐ मेरी ज़मीं, अफ़सोस नहीं
जो तेरे लिए १०० दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे

ऐ मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
"फीका ना पड़े कभी रंग तेरा"
जिस्मों से निकल के खून कहे

ਤੇਰੀ ਮਿੱਟੀ ਮੇਂ ਮਿਲ ਜਾਵਾਂ
ਗੁਲ ਬਣਕੇ ਮੈਂ ਖਿਲ ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू

ਤੇਰੀ ਨਦੀਓਂ ਮੇਂ ਬਹਿ ਜਾਵਾਂ
ਤੇਰੇ ਖੇਤੋਂ ਮੇਂ ਲਹਿਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू

हो, हीर मेरी, तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो

ओ, माई मेरी, क्या फ़िक्र तुझे?
क्यूँ आँख से दरिया बहता है?
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है

ਤੇਰੀ ਮਿੱਟੀ ਮੇਂ ਮਿਲ ਜਾਵਾਂ
ਗੁਲ ਬਣਕੇ ਮੈਂ ਖਿਲ ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू

ਤੇਰੀ ਨਦੀਓਂ ਮੇਂ ਬਹਿ ਜਾਵਾਂ
ਤੇਰੇ ਖੇਤੋਂ ਮੇਂ ਲਹਿਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir, Arko
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