Babul Pyare

Rekha
Rai Sahib Bhupendra Singh से बड़ा बदमाश, ख़तरनाक
और ज़ालिम गुनहगार शायद ही कोई होगा
वो पैसे के लिए देश को बेचता है
अय्याशी के लिए ख़ून करता है
वो तुम्हारा बाप कहलाने के लायक नहीं
उसके लिए अपन ज़िंदगी बर्बाद ना करो

ओ, बाबुल प्यारे

ओ, बाबुल प्यारे
ओ, रोए पायल की छम-छम
ओ, सिसके साँसों की सरगम
ओ, निस-दिन तुझे पुकारे मन, हो

ओ, बाबुल प्यारे
ओ, रोए पायल की छम-छम
ओ, सिसके साँसों की सरगम
ओ, निस-दिन तुझे पुकारे मन, हो

ओ, बाबुल प्यारे

तेरी ही बाँहों में बचपन खेला
खिलती गई ज़िंदगानी
ओ, तेरी ही बाँहों में बचपन खेला
खिलती गई ज़िंदगानी

आँधी ऐसी फिर चली, टूटी डाली से कली
बिना माली के उजड़ा चमन, हो

ओ, बाबुल प्यारे
ओ, रोए पायल की छम-छम
ओ, सिसके साँसों की सरगम
ओ, निस-दिन तुझे पुकारे मन, हो

कैसे अभागन बने सुहागन?
कौन बैठाए डोली?
ओ, कैसे अभागन बने सुहागन?
कौन बैठाए डोली?

कैसे आएगी बारात? कैसे होंगे पीले हाथ?
कैसे बेटी बनेगी दुल्हन, हो?

ओ, बाबुल प्यारे
ओ, रोए पायल की छम-छम
ओ, सिसके साँसों की सरगम
ओ, निस-दिन तुझे पुकारे मन, हो

ओ, बाबुल प्यारे

जनक ने कैसे त्याग दिया है
अपनी ही जानकी को
ओ, जनक ने कैसे त्याग दिया है
अपनी ही जानकी को

बेटी भटके राहों में, माता डूबी आहों में
बेटी भटके राहों में, माता डूबी आहों में
तरसे तेरे दरस को नयन, हो

ओ, बाबुल प्यारे
ओ, रोए पायल की छम-छम
ओ, सिसके साँसों की सरगम
ओ, निस-दिन तुझे पुकारे मन, हो

हो, हो



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Kalyanji Anandji
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