Mere Sapne

मेरे सपने, मेरे अपने जाने कहाँ खो गए
सूनी-सूनी दुनिया अपनी, बेगाने सभी हो गए
दिल क्यूँ चाहे हर पल, हर दम कोई तो हो मेरा हमदम?
मेरे सपने, मेरे अपने ना जाने कहाँ खो गए

तन्हा हो गया उल्फ़त का कारवाँ
लाखों हैं तारे, वीराना आसमाँ
तन्हा हो गया उल्फ़त का कारवाँ
लाखों हैं तारे, वीराना आसमाँ

बदले सारे रिश्ते-नाते, जीने की मिली क्यूँ सज़ा?
मेरे सपने, मेरे अपने ना जाने कहाँ खो गए

चाहा था क्या, और मुझको क्या मिला
टूटे अरमानों का है ये सिलसिला
चाहा था क्या, और मुझको क्या मिला
टूटे अरमानों का है ये सिलसिला

उलझा-उलझा लम्हा-लम्हा, ये हवा क्यूँ हुई बेज़ुबाँ?
मेरे सपने, मेरे अपने ना जाने कहाँ खो गए
सूनी-सूनी दुनिया अपनी, बेगाने सभी हो गए
दिल क्यूँ चाहे हर पल, हर दम कोई तो हो मेरा हमदम?
मेरे सपने, मेरे अपने ना जाने कहाँ खो गए



Credits
Writer(s): P. K. Mishra, Vikesh Mehta
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