Le Jaa Tu Kahin

ले जा तू कहीं, मेरे साथिया
कोई ख़्वाहिश नहीं तुझको जो पा लिया
चल, चलें अब ये क़दम, लागे ना डर, सनम
जन्नत के क़ाफ़िले संग तेरे ले चलूँ
आ, ले जा कहीं, मेरे साथिया

ये क्या हो रहा है? दिल जो तू छू गया है
तेरे एहसास का मुकम्मल ये जहाँ मिल गया
पलकें बंद कर लूँ तो देखूँ बस तुझी को
आँखों को तेरी ख़्वाबों का आशियाँ मिल गया

खो जाएँ ना, उड़ जाएँ ना ये पल अब हसीं
आ, ले जा कहीं, मेरे साथिया

साँसों पे लिखा है, तू जीने की वजह है
चाहूँ बेतहाशा टूट कर मैं तो तुझे
तेरी रहगुज़र में मैं कब से हूँ सफ़र में
जा के ठहरना है अब तो मंज़िल पे मुझे

तू है जहाँ, मैं हूँ वहाँ, क्या आसमाँ-ज़मीं
आ, ले जा कहीं, मेरे साथिया



Credits
Writer(s): Sahil Fatehpuri, Sufiyan Bhatt
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