Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho (with Narration)

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

आँखों में नमी हँसी लबों पर
आँखों में नमी हँसी लबों पर, क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

बन जायेंगे ज़हर पीते पीते
बन जायेंगे ज़हर पीते पीते, ये अश्क़ जो पीते जा रहे हो
ये अश्क़ जो पीते जा रहे हो

जिन ज़ख्मों को वक़्त भर चला है
जिन ज़ख्मों को वक़्त भर चला है, तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो
तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर, रेखाओं से मात खा रहे हो
रेखाओं से मात खा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो, तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Kaifi Azmi
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