Kisi Nazar Ko Tera Intezar

किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है
किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है
कहाँ हो तुम के ये दिल बेक़रार आज भी है
हो-हो, किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है

वो वादियाँ, वो फज़ाएँ के हम मिले थे जहाँ
वो वादियाँ, वो फज़ाएँ के हम मिले थे जहाँ
मेरी वफ़ा का वही पर मज़ार आज भी है

हो-हो, किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है

ना जाने देख के क्यूँ उनको ये हुआ एहसास
ना जाने देख के क्यूँ उनको ये हुआ एहसास
के मेरे दिल पे उन्हें इख़्तियार आज भी है

हो-हो, किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है

वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया
वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी है
हो-हो, वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया

यक़ीं नहीं है, मगर आज भी ये लगता है
यक़ीं नहीं है, मगर आज भी ये लगता है
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी है

हो-हो, किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है

ना पूछ कितने मोहब्बत के ज़ख़्म खाए हैं
ना पूछ कितने मोहब्बत के ज़ख़्म खाए हैं
के जिनको सोच के दिल सोगवार आज भी है
हो-हो, वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया

वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी है
हो-हो, किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है
कहाँ हो तुम के ये दिल बेक़रार आज भी है

हो-हो, किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है



Credits
Writer(s): Hasan Kamal
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