Hara Hara

रब्बा ना ऐसी सज़ा दे
जो है ख़ता तू उसको भुला दे
रब्बा ना ऐसी सज़ा दे
जो है ख़ता तू उसको भुला दे
दिल के सभी दर्द मिटा दे
खुशियों का तू मुझको पता दे

हारा, हारा, ये दिल अब हारा रे
सारा, सारा, जग छूटा सारा रे
हारा, हारा, ये दिल अब हारा रे
सारा, सारा, जग छूटा सारा रे

मायूसी पल-पल रहती है
तनहाई डसती है
घबराऊँ शब के अंधेरों से
मिल जाऊँ अब तो सवेरों से

क़िस्मत में क्या मेरी लिखा? ये राज़ ख़ुदा ही जाने
कब तक मिले मुझको सज़ा? ये बात ख़ुदा ही जाने

हारा, हारा, ये दिल अब हारा रे
सारा, सारा, जग छूटा सारा रे
हारा, हारा, ये दिल अब हारा रे
सारा, सारा, जग छूटा सारा रे

धुँधली सी लकीरें हाथों में
नींदें भी नहीं इन आँखों में
जाने क्यूँ ऐसा होता है?
हर पल ये दिल अब रोता है

अब तो मिले रस्ता नया, कोई नूर मुझे दिखला दे
माँगूँ दुआ है इल्तज़ा, राहों को मेरी सज़ा दे

हारा, हारा, ये दिल अब हारा रे
सारा, सारा, जग छूटा सारा रे
हारा, हारा, ये दिल अब हारा रे
सारा, सारा, जग छूटा सारा रे

दे-दुम, त-न-न-न-न, धीम-त-न-दे-रे-ना
दे-दुम, त-न-न-न-न, धीम-त-न-दे-रे-ना
दे-दुम, त-न-न-न-न, धीम-त-न-दे-रे-ना
दे-दुम, त-न-न-न-न, धीम-त-न-दे-रे-ना
धीम, त-न-न-न-न-रे, धीम-धीम, त-न-न-न-न
धीम, त-न-न-न-न-रे, धीम-धीम, त-न-न-न-न
दे-दुम, त-न-न-न-न, धीम-त-न-दे-रे-ना



Credits
Writer(s): Imran, Arif Rampuri
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