Dard Ka Pata ..

दर्द का पता ही ना रहा
गुम हुआ मैं तुझ में इस तरह
दर्द का पता ही ना रहा
गुम हुआ मैं तुझ में इस तरह

आँखें अपनी जब मैं बंद करूँ
आँखें अपनी जब मैं बंद करूँ
बस तुझे ही देखता रहा

दर्द का पता ही ना रहा
गुम हुआ मैं तुझ में इस तरह
दर्द का पता ही ना रहा
गुम हुआ मैं तुझ में इस तरह

हसरतों का क्या जो नहीं मिला
हसरतों का क्या जो नहीं मिला
हर्फ़ की तरह मैं जिसे पढ़ा, मैं जिसे पढ़ा

वक़्त जाने कब गुज़र गया
दर-ब-दर मैं ढूँढता रहा

अब तलक मेरा क्यूँ ना वो हुआ?
अब तलक मेरा क्यूँ ना वो हुआ?
जिस को पाने की माँगी है दुआ, माँगी है दुआ

रब मेरा तू क्यूँ ख़फ़ा हुआ?
ऐसी मुझ से क्या हुई ख़ता?

आँखें अपनी जब मैं बंद करूँ
आँखें अपनी जब मैं बंद करूँ
बस तुझे ही देखता रहा



Credits
Writer(s): Sahil Rayyan, Salim Ashfee
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