Baarish

दिल आज ये १०० दफ़ा कह रहा है
"बारिश में संग भीगना है"
जितनी भी मेरी ये साँसें बची हैं
सब तेरे संग जीना है

एहसास से तेरे जुड़ने लगे
होश-ओ-हवास मेरे उड़ने लगे
ऐसे में चुप ना रहो

आ कर मेरी बाहों में
जो कुछ भी है कह भी दो
आ कर मेरी बाहों में
जो कुछ भी है कह भी दो
जो कुछ भी है कह भी दो

ये मौसम, ये बादल
ये बारिश की राहत
ऐसे हमेशा ही मिलती रहे

ये मौसम, ये बादल
ये बारिश की राहत
ऐसे हमेशा ही मिलती रहे

एक बार तू बेवजह मुस्कुरा दे
आदत फ़िज़ा की बदलती रहे
रेत पे तेरा नाम लिखते रहे
आसमां से बूँदें गिरती रहे
अकेले ना भीगा करो

आ कर मेरी बाहों में
जो कुछ भी है कह भी दो
आ कर मेरी बाहों में
जो कुछ भी है कह भी दो
जो कुछ भी है कह भी दो



Credits
Writer(s): Shabbir Shamiullah Ahmed, Ankit Pandey
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