Mere Nabi Ke Jaisa Koi Nahi

सभी सितारे नबी, कोई आफ़ताब नहीं
सिवाए आपके, क़ुदरत का इंतख़ाब नहीं

सभी सितारे नबी, कोई आफ़ताब नहीं
सिवाए आपके, क़ुदरत का इंतख़ाब नहीं
ख़ुदा ने जितने भी भेजे ज़मीं पे पैग़म्बर
क़सम ख़ुदा की, तुम्हारा कोई जवाब नहीं

(सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला)
(सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला)

वो नूर-ए-ख़ुदा का मज़हर है
(वो नूर-ए-ख़ुदा का मज़हर है)
ईमान है मेरा और यक़ीं
(ईमान है मेरा और यक़ीं)

ये कहता कलाम-ए-पाक, सुनो
ये बोल रहा है 'अर्श-ए-बरीं

मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)

मासूम है, भोला-भाला है
दुनिया में उसका उजाला है
(दुनिया में उसका उजाला है)
(दुनिया में उसका उजाला है)

वो आम नबी का पाला है
वो काली कमलिया वाला है
(वो काली कमलिया वाला है)
(वो काली कमलिया वाला है)

मासूम है, भोला-भाला है
दुनिया में उसका उजाला है
वो आम नबी का पाला है
वो काली कमलिया वाला है

देते हैं गवाही सारे यही
(देते हैं गवाही सारे यही)
देते हैं गवाही सारे यही
ये शजर, हजर, ये 'अर्श-ए-बरीं

मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)

(सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला)
(सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला)

पेड़ों ने किया है सज्दा जिन्हें
सूरज भी पलट कर आया है
(सूरज भी पलट कर आया है)
(सूरज भी पलट कर आया है)

ये शान-ए-मोहम्मद देखे कोई
टुकड़े पे क़मर फ़रमाया है
(टुकड़े पे क़मर फ़रमाया है)
(टुकड़े पे क़मर फ़रमाया है)

पेड़ों ने किया है सज्दा जिन्हें
सूरज भी पलट कर आया है
ये शान-ए-मोहम्मद देखे कोई
टुकड़े पे क़मर फ़रमाया है

आए हैं जहाँ में लाखों नबी
(आए हैं जहाँ में लाखों नबी)
आए हैं जहाँ में लाखों नबी
कोई ख़त्म-ए-रिसालत हुआ नहीं

मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)

वल्लैल, मोहम्मद के गेसू
वश्शम्स, मोहम्मद के अबरू
(वश्शम्स, मोहम्मद के अबरू)
(वश्शम्स, मोहम्मद के अबरू)

हर कली में उनकी रंगत है़
फूलों में मोहम्मद की ख़ुशबू
(फूलों में मोहम्मद की ख़ुशबू)
(फूलों में मोहम्मद की ख़ुशबू)

वल्लैल, मोहम्मद के गेसू
वश्शम्स, मोहम्मद के अबरू
हर कली में उनकी रंगत है़
फूलों में मोहम्मद की ख़ुशबू

हर शय में उन्हीं का जलवा है
(हर शय में उन्हीं का जलवा है)
हर शय में उन्हीं का जलवा है
वो नूर-ए-ख़ुदा, वो सब से हसीं

मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)

(सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला)
(सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला, सल्ले-'अला)

"असहाब-ए-मोहम्मद" कहते हैं
अबू-बक्र, उमर, उस्माँ, हैदर
(अबू-बक्र, उमर, उस्माँ, हैदर)
(अबू-बक्र, उमर, उस्माँ, हैदर)

सब हुक्म-ए-रसूल-ए-अकरम पर
करते हैं निछावर जाँ उन पर
(करते हैं निछावर जाँ उन पर)
(करते हैं निछावर जाँ उन पर)

"असहाब-ए-मोहम्मद" कहते हैं
अबू-बक्र, उमर, उस्माँ, हैदर
सब हुक्म-ए-रसूल-ए-अकरम पर
करते हैं निछावर जाँ उन पर

कहते हैं बिलाल-ए-हब्शी यही
(कहते हैं बिलाल-ए-हब्शी यही)
कहते हैं बिलाल-ए-हब्शी यही
बस उवैस क़रनी बोले यही

मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)

सदक़े में मोहम्मद के देखो
आदम की ख़ता मक़बूल हुई
(आदम की ख़ता मक़बूल हुई)
(आदम की ख़ता मक़बूल हुई)

अल्लाह मे बख़्शी उनकी ख़ता
आदम ने तो चूमा नाम-ए-नबी
(आदम ने तो चूमा नाम-ए-नबी)
(आदम ने तो चूमा नाम-ए-नबी)

सदक़े में मोहम्मद के देखो
आदम की ख़ता मक़बूल हुई
अल्लाह मे बख़्शी उनकी ख़ता
आदम ने तो चूमा नाम-ए-नबी

Tariq, वहाँ पहुँचे शाह-ए-उमम
(Tariq, वहाँ पहुँचे शाह-ए-उमम)
Tariq, वहाँ पहुँचे शाह-ए-उमम
जहाँ आज तलक कोई गया नहीं

मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
मेरे नबी के जैसा कोई नहीं
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)

(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)
(मेरे नबी के जैसा कोई नहीं)



Credits
Writer(s): Kishor Kumar Malhotra, Mobin Tariq
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