Aye Sanam Qawali
इशरत-ए-कतरा हैं, इशरत-ए-कतरा हैं
...कतरा हैं, इशरत-ए-कतरा हैं
दरिया मे फ़नाह हो जाना
दर्द का हद्द से...
दर्द का हद्द से गुजरना है, दवा हो जाना
ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
हो, ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
येऊनी स्वप्नात माझ्या एकदा आवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
येऊनी स्वप्नात माझ्या एकदा आवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
आहटों से दिल की बेचैनी मेरे बढने लगी
आहटों से दिल की बेचैनी मेरे बढने लगी
आहटों से दिल की बेचैनी मेरे बढने लगी
ऐक आभासा मला थोडा तरी अंदाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
ए, ख़ुदा मै चाहता हूँ हर कोई चाहे मुझे
...हर कोई चाहे मुझे
ए, ख़ुदा मै चाहता हूँ हर कोई चाहे मुझे
दर्द दे मजला फुलांचा हा सडे निर्व्याज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
लरज़त-ए-ग़म के सिवा तुने मुझे सब कुछ दिया
लरज़त-ए-ग़म के सिवा तुने मुझे सब कुछ दिया
लरज़त-ए-ग़म के सिवा तुने मुझे सब कुछ दिया
वेदनांनी बहरलेली एक सुंदर सांज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
उम्र अब ढलने लगी है कर लूँ कुछ पहले ख़ुदा
उम्र अब ढलने लगी है कर लूँ कुछ पहले ख़ुदा
उम्र अब ढलने लगी है कर लूँ कुछ पहले ख़ुदा
टाळ-चिपळ्या देईला ही आणखी पखवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
येऊनी स्वप्नात माझ्या एकदा आवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
...कतरा हैं, इशरत-ए-कतरा हैं
दरिया मे फ़नाह हो जाना
दर्द का हद्द से...
दर्द का हद्द से गुजरना है, दवा हो जाना
ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
हो, ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
येऊनी स्वप्नात माझ्या एकदा आवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
येऊनी स्वप्नात माझ्या एकदा आवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
आहटों से दिल की बेचैनी मेरे बढने लगी
आहटों से दिल की बेचैनी मेरे बढने लगी
आहटों से दिल की बेचैनी मेरे बढने लगी
ऐक आभासा मला थोडा तरी अंदाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
ए, ख़ुदा मै चाहता हूँ हर कोई चाहे मुझे
...हर कोई चाहे मुझे
ए, ख़ुदा मै चाहता हूँ हर कोई चाहे मुझे
दर्द दे मजला फुलांचा हा सडे निर्व्याज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
लरज़त-ए-ग़म के सिवा तुने मुझे सब कुछ दिया
लरज़त-ए-ग़म के सिवा तुने मुझे सब कुछ दिया
लरज़त-ए-ग़म के सिवा तुने मुझे सब कुछ दिया
वेदनांनी बहरलेली एक सुंदर सांज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
उम्र अब ढलने लगी है कर लूँ कुछ पहले ख़ुदा
उम्र अब ढलने लगी है कर लूँ कुछ पहले ख़ुदा
उम्र अब ढलने लगी है कर लूँ कुछ पहले ख़ुदा
टाळ-चिपळ्या देईला ही आणखी पखवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी ख़ुबसूरत साज दे
येऊनी स्वप्नात माझ्या एकदा आवाज दे
ए, सनम, आँखों को मेरी...
Credits
Writer(s): Kaushal Inamdar, Ilahi Jamadar
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