Aaj Likhenge Kal By Shreya Ghoshal

चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल आज लिखेंगे कल
चल आज लिखेंगे कल
अपने ख़्वाबों की आग लेके हम
सारी ख़्वाहिशें साथ लेके हम
जी लेंगे सारे पल

चल आज लिखेंगे कल
चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल

रास्ते की धूप से, रोशनी को छान कर
अपनी परछाइयों से छाँव थोड़ी माँगकर
ख़ुद की सरहदों से आगे निकल
हाथ की लकीरों को थोड़ा सा मोड़कर
ज़िंदगी में थोड़ी और ज़िंदगी को जोड़कर
आजा, तराश ले हर एक पल

चल आज लिखेंगे कल
चल आज लिखेंगे कल

मिसरी सा ख़्वाब चखकर
मिसरी सा ख़्वाब चखकर
सूरज पलकों पे रखकर
मंज़िल के चुन ले तू निशाँ रे
हर लमहा कह रहा है
तू ही अपना ख़ुदा है
आँखों में भर ले आसमाँ रे
तारों की तरह जल

चल आज लिखेंगे कल
चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल
चल चल आज लिखेंगे कल



Credits
Writer(s): Srijan Shukla, Vishal Bharadwaj
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