Mann Bawra (Duet)

बहका-बहका ये दिल कहने लगा
महका-महका सा ये रहने लगा
ख़ाब जो देखा मेरे दिल ने वो सच होने लगा
शैतानियाँ, बदमाशियाँ ख़ाबों में आके कोई करने लगा

मन बावरा होने लगा
तेरी ही बातें करने लगा
मन बावरा होने लगा
तेरी ही बातें करने लगा

तनहा-तनहा मैं तो रहने लगा
झूठी-मूठी बातें करने लगा
हर पल सपना तेरा देखा, वो सच होने लगा
गुस्ताख़ियाँ, नादानियाँ हरदम मैं तो करने लगा

मन बावरा होने लगा
तेरी ही बातें करने लगा

(बावरा, बावरा होने लगा)
छोटी-छोटी तितलियों से ये पूछती हूँ
"ये रंग प्यार के कहाँ से लाती हो?"
लगता है तुम भी मिली हो उनसे कहीं
जिसने छू लिया है मेरे मन को

मन बावरा होने लगा
तेरी ही बातें करने लगा

आँखें देखने लगीं सपने कई
तू मेरे क़रीब है, बस लगता यही
ऐतबार से तुमको चाहने लगा हूँ
सच कहता हूँ, तू है मेरा हमनशीं

मन बावरा होने लगा
तेरी ही बात ये करने लगा



Credits
Writer(s): Raja Pandit, Sweta Raj
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