Jis Ghadi Tujhko

जिस घड़ी तुझको तेरे रब ने बनाया होगा
जिस घड़ी तुझको तेरे रब ने बनाया होगा
तेरा सिंगार...
तेरा सिंगार फ़रिश्तों से कराया होगा

जिस घड़ी तुझको तेरे रब ने बनाया होगा
तेरा सिंगार फ़रिश्तों से कराया होगा
जिस घड़ी तुझको तेरे रब ने बनाया होगा

तेरी ज़ुल्फ़ों को घटाओं में भिगोया होगा
तेरी आँखों को शराबों में डुबोया होगा
तेरे होंठों पे गुलाबों को निचोड़ा होगा
चाँद के नूर से इस जिस्म को धोया होगा

सारी हूरों ने...
सारी हूरों ने तुझे मिलके सजाया होगा

जिस घड़ी तुझको तेरे रब ने बनाया होगा

सारी कलियों का तबस्सुम तुझे बख़्शा होगा
उसपे कोयल का तरन्नुम तुझे सौंपा होगा
तेरी पलकों पे सितारों को सजाकर रब ने
सारी दुनिया से जुदा तुझको बनाकर रब ने

हुस्न का नाम...
हुस्न का नाम किताबों से मिटाया होगा

जिस घड़ी मुझको मेरे रब ने बनाया होगा
तेरी चाहत को मेरे दिल में बसाया होगा
जिस घड़ी तुझको तेरे रब ने बनाया होगा



Credits
Writer(s): Jalees Sherwani
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