Koi Shair Koi Pagal

कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए
तेरी तस्वीर जो देखें वो ख़ुद तस्वीर बन जाए

कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए
तेरी तस्वीर जो देखें वो ख़ुद तस्वीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए

बुरा मत लेना एक दीवाने की बातों का
एक दीवाने की बातों का
निकल आया है दिन के वक़्त कैसे चाँद रातों का

तेरे दीदार से बिगड़ी हुई तक़दीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए

लचक जाती है डाली की तरह तेरी कमर तौबा
लचक जाती है डाली की तरह तेरी कमर तौबा
बदल जाती है मौसम की तरह तेरी नज़र तौबा

कभी ये फूल बन जाए, कभी ये तीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए

तेरे सर की क़सम मुझको, तू इतनी ख़ूबसूरत है
तेरे सर की क़सम मुझको, तू इतनी ख़ूबसूरत है
पहाड़ों की ज़रूरत है, ना फूलों की ज़रूरत है

जहाँ पर तू क़दम रख दे वहाँ कश्मीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए
तेरी तस्वीर जो देखें वो ख़ुद तस्वीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाए



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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