Sitam Hampe Karle

अच्छे-बुरे दिन, सारे दिन
एक दिन गुजर जाते हैं
ग़म का है मौसम, नहीं ग़म
मिल के हम गीत गाते हैं

सितम हमपे कर ले, सितमगर ज़माना
सितम हमपे कर ले, सितमगर ज़माना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना

सितम हमपे कर ले, सितमगर ज़माना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना

चलो हँसो, चलो हँसो ना
जल्दी हँसो, अब हँस भी दो

हम हैं तो क्या ग़म है
तुम हो तो क्या कम है
नहीं आज ख़ुशियाँ तो ग़म बाँट लेंगे
नहीं आज ख़ुशियाँ तो ग़म बाँट लेंगे
जो है रूखी-सूखी वो हम बाँट लेंगे

किसी दर पे ये सर नहीं है झुकना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना

हमारा मुक़द्दर हमें आज़मा ले
हमारा मुक़द्दर हमें आज़मा ले
किसी हाल में हम नहीं रोने वाले

कि आता है हमको सदा मुस्कुराना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना

बहुत कुछ है बाक़ी, नहीं सब गवाया
बहुत कुछ है बाक़ी, नहीं सब गवाया
कि छोटो के सर पे बड़ों का है साया
कि छोटो के सर पे बड़ों का है साया

ये दौलत है अपनी, ये अपना ख़ज़ाना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना

सितम हमपे कर ले, सितमगर ज़माना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना
सलामत रहेगा ये घर, ये घराना



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Sharma Pyarelal
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