Barkha Rut Bhi Aaj

बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी है
बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी है
खो नहीं जाना, ओ, ओ-ओ
खो नहीं जाना, रात बड़ी तूफ़ानी है

बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी है
खो नहीं जाना, रात बड़ी तूफ़ानी है
बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी है

दोनों तरफ़ वही दिल की लगी है
तू भी करे क्या? मैं भी करूँ क्या?
तू भी करे क्या? मैं भी करूँ क्या?
शोले की इक दीवार खड़ी है
तू भी करे क्या? मैं भी करूँ क्या?
तू भी करे क्या? मैं भी करूँ क्या?

अंदर आग लगी है, बाहर पानी है
खो नहीं जाना, रात बड़ी तूफ़ानी है
बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी है

बाहर जो तूफ़ाँ, वही अब सीने के अंदर लगता है, हो
बाहर जो तूफ़ाँ, वही अब सीने के अंदर लगता है
तन से लिपट रही लाज की चुनरी क्या कहूँ, कैसा डर लगता है, डर लगता है

जनम-जनम की प्यास तो आज बुझानी है
खो नहीं जाना, रात बड़ी तूफ़ानी है
बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी है

खो नहीं जाना...
खो नहीं जाना, रात बड़ी तूफ़ानी है



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri
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