Aye Sakhi Ooh - Keh Mukri

ए सखि कारे, बदरा नाचे मोर
घडी-घडी करता शोर
बीन बजाके कहे, मन की बात
हमरे मन का चोर

कश के वो धरता है, कुछ तो रगड़ता है
बहिया में बाँध के, फीता
हाय हाय, कश के वो धरता है, कुछ तो रगड़ता है
बहिया में बाँध के, फीता

दुखता है चुभता है, धीरे से घुसता है
कानों में कह के, कविता
दुखता है चुभता है, धीरे से घुसता है
कानों में कह के, कविता

ए सखी उह, ना सखी डीका
ए सखी उह उह, ना सखी डीका
ए सखी उह, अरे ना सखी डीका
ए सखी उह, अरे ना सखी डीका

जितना झुके है, उतना चढ़े है
हँस-हँस के बोले है, जी जी जी
हाय, हाय, हाय, हाय
जितना झुके है, उतना चढ़े है
हँस-हँस के बोले है, जी जी जी

मतलब का मीता है, बन जाए चीता
कोई पिलाये जो घी घी घी

आगे पीछे लौटे, उसे मारो चाहे shot, चाहे मरो २५ जूता
भूला सारे वादे, जब काम निकल जाते
खबर न मेरी लेता

ए सखी उह, ना सखी नेता
ए सखी उह उह, अरे ना सखी नेता
ए सखी उह, ना सखी नेता
ए सखी उह, अरे ना सखी नेता

तन का सफ़ेद कभी दिखता है काला
करता है गीला कमीना
हाय, हाय, हाय, हाय

हाय, तन का सफ़ेद कभी दिखता है काला
करता है गीला कमीना
लागे है अच्छा दिल माने बच्चा
सावन का जब हो महीना

भीगी भागी लागूं, दिन रात में जागूं, टप-टप के कजरा
होले होले आये तू, भला ही लागे, और गरजत होये बदरा

ए सखी उह, अरे ना सखी बदरा
ए सखी उह उह, अरे ना सखी बदरा
ए सखी उह, ना सखी बदरा
ए सखी उह, अरे ना सखी बदरा

ए सखी उह, अरे ना सखी बदरा
ए सखी उह, अरे ना सखी बदरा
ए सखी उह, अरे ना सखी बदरा
ए सखी उह, अरे ना सखी बदरा



Credits
Writer(s): Rohit Sharma, Ramkumar Singh
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