Phir Bhi Tumko Chaahungi – Aakanksha Version

बाँहों में तेरी आ के लगा
मेरा सफ़र तो यहीं तक है
तुम से शुरू, तुम पे ही ख़तम
मेरी कहानी तुम ही तक है

दिल को जो दे राहत सी
तुझ में है वो खामोशी

१०० बार तलाश लिया खुद को
कुछ तेरे सिवा ना मिला मुझको
साँसों से रिश्ता तोड़ भी लूँ
तुम से तोड़ ना पाऊँगी

मैं फिर भी तुमको चाहूँगी
मैं फिर भी तुमको चाहूँगी
इस चाहत में मर जाऊँगी
मैं फिर भी तुमको चाहूँगी

आँखें खुलें तो मैं देखूँ तुझे
सिर्फ़ यही फ़रमाइश है
पहली तो मुझको याद नहीं
तू मेरी आख़िरी ख्वाहिश है

सह लूँ मैं अब तेरी कमी
मुझ से ये होगा ही नहीं

तुम ऐसे मुझ में शामिल हो
तुम जान मेरी, तुम ही दिल हो
शायद मैं भुला दूँगी खुद को
पर तुमको भूल ना पाऊँगी

मैं फिर भी तुमको चाहूँगी
मैं फिर भी तुमको चाहूँगी
इस चाहत में मर जाऊँगी
मैं फिर भी तुमको चाहूँगी



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir, Mithoon
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