Salam-E-Hasrat Qubool Kar Lo

सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो
मेरी मोहब्बत क़बूल कर लो
सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो
मेरी मोहब्बत क़बूल कर लो
सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो

उदास नज़रें तड़प-तड़प कर
तुम्हारे जलवों को ढूँढती हैं
जो ख़्वाब की तरह खो गये
उन हसीन लमहों को ढूँढती हैं
हसीन लमहों को ढूँढती हैं

अगर ना हो नाग़वार तुमको
तो ये शिक़ायत क़बूल कर लो
सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो

तुम्हीं निगाहों की जुस्तजू हो
तुम्हीं खयालों का मुद्दा हो
तुम्हीं मेरे वास्ते सनम हो
तुम्हीं मेरे वास्ते खुदा हो
तुम्हीं मेरे वास्ते खुदा हो

मेरी परस्तिश की लाज रख लो
मेरी इबादत क़बूल कर लो
सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो

तुम्हारी झुकती नज़र से जब तक
ना कोई पैग़ाम मिल सकेगा
ना रूह तस्क़ीन पा सकेगी
ना दिल को आराम मिल सकेगा
ना दिल को आराम मिल सकेगा

ग़म-ए-जुदाई है जानलेवा
ये इक हक़ीकत क़बूल कर लो
सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो



Credits
Writer(s): Roshan, Ludiavani Sahir
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