Sunta Hai (Kabir Song)

सुनता है गुरु ज्ञानी
ज्ञानी, ज्ञानी, ज्ञानी, ज्ञानी
गगन में आवाज़ हो रही झीनी, झीनी, झीनी
झीनी, झीनी, झीनी, झीनी

पहिले आए, आए, आए, पहिले आए
नाद बिंदु से पीछे जमया पानी, पानी, हो जी
सब घट पूरन पुरु रह्या है
आलख पुरुष निर्वाणी, हो जी, -वाणी, हो जी

सुनता है गुरु ज्ञानी
ज्ञानी, ज्ञानी, ज्ञानी, ज्ञानी
गगन में आवाज़ हो रही झीनी, झीनी, झीनी
झीनी, झीनी, झीनी, झीनी

कहे कबीरा, आ, कबीरा
कहे कबीर, "सुनो, भई साधो
जाए अघम की बानी रे
जाए अघम की बानी रे
दिन-भर रे जो नज़र-भर देखे"
दिन-भर रे जो नज़र-भर देखे
आदर-अमर हो निशानी, हो जी, हो, निशानी हो जी

सुनता है गुरु ज्ञानी
ज्ञानी, ज्ञानी, ज्ञानी, ज्ञानी
गगन में आवाज़ हो रही, झीनी, झीनी, झीनी
झीनी, झीनी, झीनी, झीनी

झीनी, झीनी, झीनी, झीनी, झीनी



Credits
Writer(s): Saint Kabir
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