Aao Sakhi

ख़ुशबू तेरी साँसों की मेरे जीने का राज़ बनी
सौंधी वो यादें पुरानी, बातें हों जैसे कल की
रूठ ना, मुझसे ना हो ख़फ़ा तू कभी, तू कभी
यादें, सारी कहानियाँ जैसे हों बंदगी

आओ सखी, चाँदनी रात तले
आओ सखी, प्यार की बातें करें
आओ सखी, दिन को रात करें
आओ सखी, हाथों में हाथ चलें

सर्दियों की कहानियाँ दे गई हमको ख़ुशियाँ
यादों में आज है मेरी बस गई तेरी नादानियाँ
फ़ासले ना हो दरमियाँ ज़िंदगी में कभी
साथ है अब जीना हमें मर के भी ज़िंदगी

आओ सखी, चाँदनी रात तले
आओ सखी, प्यार की बातें करें
आओ सखी, दिन को रात करें
आओ सखी, हाथों में हाथ चलें



Credits
Writer(s): Swaraj Pillai
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