Dil Bevda

माई मना करती है, बापू मना करता है
फिर भी है ज़िद पे अड़ा

हो, माई मना करती है, बापू मना करता है
फिर भी है ज़िद पे अड़ा
सुबह-सुबह सो जाए
शाम ढले हो जाए भट्टी के आगे खड़ा

दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा
दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा

हाय, खाली करे बोतल ये, पी जाए धोकर ये
चस्का अजब है चढ़ा
अरे, जब-तक ना टल्ली हो, इसको ना तसल्ली हो
लतखोर है ये बड़ा

दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा
दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा

नहीं परहेज है कोई
English हो, देसी या ठर्रा
जैसे सबकी बराबर बजाए
तमंचे का छर्रा

हाय, मस्ती में खड़े-खड़े बोतल घटक ले
खस्ती में पड़े-पड़े बोले "पिला"
मयखार बड़े-बड़े पी के पलट गए
दिल बोले, "Peg और ला"

होश में जो आया तो, दारू नहीं पाया तो
१०० बार खुद से लड़ा
अरे, जब-तक ना टल्ली हो, इसको ना तसल्ली हो
लतखोर है ये बड़ा

दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा
दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा

दवा हर मर्ज़ की है ये
बोतल हो, अद्धी या पौआ
नहीं पीते हैं जो
वो ही फैलते फोकट में हवा

हाय, अपुन तो खरी-खरी सबको सुनाते
जीना क्या डरी-डरी life यहाँ?
पीने से हरी-भरी हो जाए तबीयत
जन्नत लगे ये जहाँ

बात कोई काटे तो, ज्ञान कोई बाँटे तो
बोले, "मुझे मत पढ़ा"
अरे, जब-तक ना टल्ली हो, इसको ना तसल्ली हो
लतखोर है ये बड़ा

दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा
दिल बेवड़ा, दिल बेवड़ा

दिल बेवड़ा (दिल-दिल बेवड़ा, दिल-दिल बेवड़ा)
दिल बेवड़ा (दिल-दिल बेवड़ा, दिल-दिल बेवड़ा)
दिल बेवड़ा (दिल-दिल बेवड़ा, दिल-दिल बेवड़ा)
दिल बेवड़ा (दिल-दिल बेवड़ा, दिल-दिल बेवड़ा)



Credits
Writer(s): Shekhar Astitwa, Vikram Montrose
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