Ek Pal Mein Hai

एक पल में है ज़िंदगी, एक पल में नहीं
बहती-बहती जाती है, ये रुकती ही नहीं
एक पल में है ज़िंदगी, एक पल में नहीं
बहती-बहती जाती है, ये रुकती ही नहीं

दुनिया लगती है मुझे मौसम जैसे हसीं
अपने प्यार का सिलसिला छूटे अब ना कभी

तेरी हर अदा में एक कहानी है
थोड़ी अनकही-सुनी, सुनानी है
उलझा है ये दिल तेरी ही यादों में
ख़यालों में खोए

ये ख़्वाब में और बातों में तुम ही तुम रहे
तन्हा-तन्हा रात-दिन कैसे हम जिएँ?

अरमाँ इस दिल के ना जाने हैं फिर भी कितने
मुझे नींद नहीं आती किसी की चाहत में, चाहत में

सागर बन जाए स्याही तो कम है
अधूरी दास्ताँ रह जाए, यही ग़म है
मैंने हर तरह से तुमको चाहा है
निभाया है दिल से



Credits
Writer(s): Sameer, Asif Ali
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