Shyam Ghan Ghanshyam Barso

श्याम घन घनश्याम
श्याम घन घनश्याम
बरसो बहुत प्यासी हूँ

श्याम घन घनश्याम
बरसो बहुत प्यासी हूँ

रास बिन रस रात्रि के
रास बिन रस रात्रि के
गहरी उदासी हूँ

श्याम घन घनश्याम
बरसो बहुत प्यासी हूँ

आज श्रद्धा को सहारा है नहीं विश्वास का
आज श्रद्धा को सहारा है नहीं विश्वास का
भूमि के सिर पर नहीं है हाँथ अब आकाश का
भूमि के सिर पर नहीं है हाँथ अब आकाश का

शम बिना श्रम सम्बीना
शम बिना श्रम सम्बीना
मैं स्वरलता सी हूँ

श्याम घन घनश्याम
बरसो बहुत प्यासी हूँ
श्याम घन घनश्याम

जिसे राधा ने चुराया, वही भूली वेणु हूँ मैं
जिसे राधा ने चुराया, वही भूली वेणु हूँ मैं
श्याम की प्यारी बिसारी
श्याम की प्यारी बिसारी, वही ब्रज की रेणु हूँ मैं
श्याम की प्यारी बिसारी, वही ब्रज की रेणु हूँ मैं

क्या कहूँ मैं और
क्या कहूँ मैं और
प्रभु की चरण दासी हूँ

श्याम घन घनश्याम बरसो बहुत प्यासी हूँ
श्याम घन घनश्याम बरसो बहुत प्यासी हूँ



Credits
Writer(s): Anil Mohile, Shrinivas Khale, Pt Narendra Sharma
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