Aaj Jaage Rehna

आज जागे रहना, ये रात सोने को है
आज जागे रहना, ये रात सोने को है
तेरी पलकों पे आँसू आए तो
मेरा काँधा रोने को है, ये रात सोने को है

चुप-चुप क्यूँ बैठे हो? कह भी दो
गुमसुम से रहते हो, कह भी दो
तेरे लब जो मेरी सरगम गाए तो
फिर प्यार होने को है, मेरा दिल भी खोने को है

ख़ाहिशों के सहारे बैठकर
कब खुद से हम किनारा कर गए?
ख़ाहिशों के सहारे बैठकर
कब खुद से हम किनारा कर गए?

जो आँखों में हज़ारों ख़ाब थे
आँसू भर गए, हाँ

आज जागे रहना, ये रात सोने को है
तेरी पलकों पे आँसू आए तो
मेरा काँधा रोने को है, ये रात सोने को है

चुप-चुप क्यूँ बैठे हो? कह भी दो
गुमसुम से रहते हो, कह भी दो
तेरे लब जो मेरी सरगम गाए तो
फिर प्यार होने को है, मेरा दिल भी खोने को है



Credits
Writer(s): Siddharth Amit Bhavsar
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