Main Sochta Hoon

मैं सोचता हूँ तुम्हें क्या कहें
अरमाँ दिल के जगे अंकहें
मेरे मन में ये कैसी धुन बजे

तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के

मैं सोचता हूँ तुम्हें क्या कहें
अरमाँ दिल के जगे अंकहें
मेरे मन में ये कैसी धुन बजे

तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के

रोज रात को ख्वाबों की
बारिश महके आँखों में
ओ प्यार है ये कितना मधुर
पहली-पहली बारिश जैसे महके

तनहाई में बातें करता हूँ
खुद ही अपने दिल से
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के

मुस्कुराता हूँ गुनगुनाता हूँ
तुम्हें देख कर ख्वाब में
ओ ये जमीन नहीं आसमां नहीं
ये जहां है उससे कही बढ़ के

कोई जादू है तेरे रूप में क्या पता
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के

मैं सोचता हूँ तुम्हें क्या कहें
अरमाँ दिल के जगे अंकहें
मेरे मन में ये कैसी धुन बजे

तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के, तुमसे मिल के
तुमसे मिल के



Credits
Writer(s): Gaurav Patil
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