Saare Jahaan Se

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, वो गुलिस्ताँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा

कुछ बात है कि हसती, मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा

मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, हिन्दी हैं हम
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दुस्ताँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ताँ हमारा,
हिन्दुस्ताँ हमारा, हिन्दुस्ताँ हमारा



Credits
Writer(s): Muhammad Iqbal, John Stewart
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