Adaon K Riyaaz

करते हो तुम अदाओं के रियाज़ हमपे
सोचता हूँ मैं लिख दूँ एक किताब तुमपे
करते हो तुम अदाओं के रियाज़ हमपे
सोचता हूँ मैं लिख दूँ एक किताब तुमपे

इरादा रब का जो भी हो मेरे लिये
खुले हैं दिल के रास्ते तेरे लिये
है मीठी ये तन्हाईयाँ तुमसे मिली
डूबी शाम ये फिर कहीं

बरसे शायद कभी ये बरसात हमपे
करूँगा इंतज़ार मैं रेगिस्तान बनके
करते हो तुम अदाओं के रियाज़ हमपे
सोचता हूँ मैं लिख दूँ एक किताब तुमपे

क्या हीरे, क्या मोती दो नैनों के सामने
हाए, गुलाबी लब तेरे ये रस के हैं भरे
तू जब आये आसमा ये चाँदनी बरसाये
तू जाये तो जंगलों में रात हो गई, हाए
तू जाये तो जंगलों में रात हो गई

बिछाते हो निग़ाहों के जाल हमपे
चलते हो दूर से ही क्यूँ ये चाल हमपे?
करते हो तुम अदाओं के रियाज़ हमपे



Credits
Writer(s): Aditya A
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