Rula Ke Gaya Ishq

काश, तू मेरे हक़ में होता
बनके यक़ीं, शक़ में होता
काश, तू मेरे हक़ में होता
बनके यक़ीं, शक़ में होता

पर ऐसा हुआ नहीं
तू है मीलों दूर कहीं
तेरे संग पल-दो-पल को
हँसना जो चाहा तो

रुला के गया इश्क़ तेरा
रुला के गया इश्क़ तेरा
कि माने नहीं दिल ये मेरा
कैसे चुप मैं कराऊँ वे?

रुला के गया इश्क़ तेरा
रुला के गया इश्क़ तेरा
कि माने नहीं दिल ये मेरा
कैसे चुप मैं कराऊँ वे?

यार बिछड़ा मिला दे कोई
ਅੱਖਾਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਜ਼ਾਰ-ਜ਼ਾਰ, ਹੰਸਾ ਦੇ ਕੋਈ

रुला के गया इश्क़ तेरा
रुला के गया इश्क़ तेरा
कि माने नहीं दिल ये मेरा
कैसे चुप मैं कराऊँ वे?

रुला के गया इश्क़ तेरा
रुला के गया इश्क़ तेरा
कि माने नहीं दिल ये मेरा
कैसे चुप मैं कराऊँ वे?

ख़्वाबों से ज़्यादा आँसुओं से दोस्ती कर बैठे
जीने की ख़्वाहिश में लम्हा-लम्हा मर बैठे
ख़्वाबों से ज़्यादा आँसुओं से दोस्ती कर बैठे
जीने की ख़्वाहिश में लम्हा-लम्हा मर बैठे

तू ऐसे जुदा हुआ
मैं रात, तू सुबह हुआ
तुझ पे मैं मरता रहा
तुझे याद मैं करता रहा

भुला के गया इश्क़ तेरा
रुला के गया इश्क़ तेरा
भुला के गया इश्क़ तेरा
रुला के गया इश्क़ तेरा
कैसे चुप मैं कराऊँ वे?



Credits
Writer(s): Kumaar, Inder Bawra, Sunny Bawra
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