Rakhiyo Mera Naqab

आँखें मेरी बदलने लगीं, देखती हैं ख़ाब

आँखें मेरी बदलने लगीं, देखती हैं ख़ाब
अल्लाह, मेरे चेहरे पे रखियो मेरा नक़ाब
आँखें मेरी बदलने लगीं, देखती हैं ख़ाब

ऐ, दिल, ये किस ख़याल में खोया हुआ है तू?
अब तो है तेरे हाथ में रिश्तों की आबरू, रिश्तों की आबरू
मरने के बाद दूँगी ख़ुदा को मैं क्या जवाब?

अल्लाह, मेरे चेहरे पे रखियो मेरा नक़ाब
आँखें मेरी बदलने लगीं, देखती हैं ख़ाब

मेरे लिए तो उनकी तमन्ना हराम है
पहली नज़र में प्यार का क़िस्सा तमाम है, क़िस्सा तमाम है
शिकवा किसी से क्या करूँ, तक़दीर है ख़राब

अल्लाह, मेरे चेहरे पे रखियो मेरा नक़ाब
आँखें मेरी बदलने लगीं, देखती हैं ख़ाब

अपने हों या पराए, दग़ा होती है दग़ा
चोरी की रोशनी से अँधरों को ना सजा, अँधरों को ना सजा
एक-एक किरण का देना पड़ेगा मुझे हिसाब

अल्लाह, मेरे चेहरे पे रखियो मेरा नक़ाब
आँखें मेरी बदलने लगीं, देखती हैं ख़ाब



Credits
Writer(s): Farooq Qaiser
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