Mujhe Yaad Hai

चंद अल्फ़ाज़ ही सही, कुछ कहता तो है
याद बन के लहू में तू ही तू बहता तो है
मेरी साँसों में रहने वाले, मुझ को ये बता
दिल को दिल से कैसे करते हैं हाँ, जुदा

ठहर सा गया है बीता वो कल
वो सदियों के जैसे मोहब्बत के पल

वो मौसम तू जो बदला नहीं
वो दर्द मेरे सहना
वो ख़ामोशी को पढ़ लेना
वो दिल की ज़ुबाँ कहना
(कहना-कहना, हाँ)

मुझे याद हैं, मुझे याद हैं
मुझे याद हैं वो चाहत के पल
मुझे याद है, मुझे याद है
मुझे याद है हर बीता वो कल

कहा-सुना भूले नहीं, बस बेख़बर हो गए
थोड़ी रज़ा, थोड़ा गुनाह और बेक़दर हो गए
है दिल परेशाँ, माना नहीं
जुदाई की रस्मों को जाना नहीं

वो मेरी खुशी में खुश होकर गले से लगाना तेरा
तू दूर रहा या पास रहा, पर साथ निभाना तेरा

मुझे याद हैं, मुझे याद हैं
मुझे याद हैं वो चाहत के पल
मुझे याद है, मुझे याद है
मुझे याद है हर बीता वो कल

"बिन तेरे जी लेंगे" फिर झूठा ये फ़ितूर ले चले
तेरी खुशी के ही वास्ते तुझ से दूर हो चले

जो हम को मिली हैं वो ग़म की सौगातें
इस तनहा सफ़र की सब सहरा, सब रातें
दिल पे जो लिखी है हर दास्ताँ पुरानी
हम से जो ख़फ़ा थी वो भीगी बरसातें

मुझे याद हैं, मुझे याद हैं
मुझे याद हैं वो चाहत के पल
मुझे याद है, मुझे याद है
मुझे याद है हर बीता वो कल



Credits
Writer(s): Bharat Hitarth, Kunwar Naveen Singh
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